हमारा नियोग : भारतीय पानी में सुरक्षित नेविगेशन
वीटीएस, आईएमओ रिज़ोलूशन ए.857(20) द्वारा परिभाषित किया गया है, पोत यातायात सेवा के लिए दिशानिर्देश, है :
“ यह सेवा पोत यातायात की क्षमता एंव सुरक्षा को बेहतर बनाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सक्षम प्राधिकारण द्वारा कार्यान्वित की गई है। इस सेवा में दूसरे समुद्री यातायात के साथ प्रभाव डालने (इंटरएक्टिव होने) औऱ वीटीएस क्षेत्र में घटित परिस्थितियों में प्रतिक्रिया देने की क्षमता होनी चाहिए।”
पोत यातायात सेवा का उद्देश्य नौ-परिवहण समुद्र में जीवन रक्षा और समुद्री वातावरण/निकट किनारे क्षेत्र को संरक्षित रखने और कार्य करने की जगह तथा समुद्री यातायात के संभावित प्रतिकूल प्रभावों से अपतटीय स्थापना के लिए सुरक्षा एंव दक्षता में सुधार लाना। यह उद्देश्य रडार, डाइरेक्शन फाइंडर, जीपीएस, डीजीपीएस, यूएआईएस, जल विज्ञान तथा मौसम विज्ञान जैसे सेंसरों को एकीकृत करके प्राप्त किया है, जो क्षेत्र की समग्र भौगोलिक तस्वीर प्रदान करते है और इससे यह ऑपरेटर के लिए लगातार परस्पर प्रभाव और पोत मार्गदर्शन हेतु सक्षम बनता है।
निदेशालय द्वारा संपूर्ण कच्छ की खाड़ी को कवर करने के लिए वीटीएस-जीओके स्थापित एंव अनुरक्षण किया जा रहा है। एक्स व एस बैंड रडार ओखा एंव मांडवी पर स्थापित किए गये है, एक्स बैंड रडार कोटेश्वर, जखाउ, छाछी, नवीनल, कांडला, बालाछड़ी एंव चुड़ेश्वर पर स्थापित किए गये है।
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